Voice of A to Z News-: उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में 50 हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति फंस गई है। समाज कल्याण अधिकारी ने मेरठ की 400 संस्थानों को पत्र जारी किया है।
पांच दिन के अंदर कराए दोबारा सत्यापन
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में होम्योपैथिक बोर्ड में छात्रवृत्ति घोटाले के बाद मेरठ के 400 से अधिक स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) निरस्त कर दिए गए हैं। इससे अगस्त तक जिले के 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति भी अटक गई है। वहीं, जिन शिक्षण संस्थानों ने सात जुलाई से पहले तक भी सत्यापन कराया है, उन्हें भी पांच दिन के अंदर दोबारा सत्यापन कराना होगा।
मेरठ में भी ऐसा घोटाला होने की आशंका
लखनऊ में होम्योपैथिक बोर्ड में संविदा क्लर्क ने ही डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र का दुरुपयोग कर छात्रवृत्ति घोटाला किया था। इस मामले का खुलासा होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नए कॉलेजों की मान्यता पर रोक लगाकर जांच की जा रही है। आशंका है कि मेरठ में भी ऐसा घोटाला हो सकता है। मेरठ छात्रवृत्ति मामले में पहले भी सुर्खियों में रहा है। यहां कई बार कॉलेजों को काली सूची में डाला गया।
इससे पहले कई कॉलेजों के स्थलीय निरीक्षण में कक्षा में छात्र ही नहीं मिले थे। अब जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण-पत्र निरस्तीकरण का पत्र जारी किया है।
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